अदा क्योंकर करेंगे चंद आँसू दिल का अफ़साना

लेखक: मुहम्मद हाशिम बस्तवी 8 सितंबर, 2024, रविवार की सुबह मेरे और मेरे पूरे परिवार के लिए क़यामत की सुबह बनकर आई। यह सुबह मुझे मरते दम तक याद रहेगी,…

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