कया औरतों मर्दों की नमाज़ बिलकुल अलग है? दोनों नमाज़ में कुछ अन्तर है?
औरतों और मदों की नमाज़ में कुछ ख़ास अन्तर नहीं है, जितनी नमाज़ें मर्दों पर फ़र्ज़ हैं उतनी ही औरतों पर भी फ़र्ज़ हैं, जितनी रकात मर्दों पर फ़र्ज़ हैं उतनी ही औरतों पर भी फ़र्ज़ है, जिस तरह कयाम, किरत, रुकू, सजदा और वह सारी चीज़ें जो नमाज़ के अन्दर मर्दों पर फ़र्ज़ या सुन्नत हैं वह सारी चीज़ें औरतों पर भी फ़र्ज़ है, इतना ज़रूर है की जुमा और ईद बकराईद की नमाज़ औरतों पर फ़र्ज़ नहीं है।
औरतों के लिए सब से अच्छी नमाज़ की जगह उस का अपना घर है, और मर्दों के लिए मस्जिद है, औरतों के लिए मस्जिद जाना उसकी इज्ज़त और इस्मत के लिए खतरा हो सकता है।
औरतों की नमाज़ मदों से थोड़ी अलग है
हाँ औरतों की नमाज़ का तरीका मर्दों से थोड़ा अलग है, जिस को हम इस लेख में आप को बताने वाले हैं, और यह अलग तरीका जो थोड़ा बहुत हैं वह फ़र्ज़ या वजिब नहीं हैं बल्कि सुन्नत या मुस्तहब है,
नामज़ की वह हालतें जिस औरत का तरीका मर्द से अलग है:
तक्बीर तहरीमा में मर्द अपने हाथ को कानों तक उठायें गे।
औरतें अपने हाथों को कन्धों तक उठायें गी।
मर्द अपने हाथ को नाफ के नीचे बंधें गे।
औरतें अपने हाथों को सीने के उपर बंधें गे।
कदा ऊला, और कदा अखीरा में मर्द अपने बाएं पैर को बिछा कर उस पर बैठें गे, और दायें पैर को खड़ा रख्खें गे, और औरतें अपनी सुरीन को बिछा कर उस बैठें गे, और अपने दोनों पैरों को बहार निकाल लें गी, इस के इलावा मर्द और औरत की नमाज़ की हालतें बिलकुल एक जैसी हैं, उन में कोई अन्तर नहीं है।
औरतों की नमाज़ में जो अन्तर है वह क्यों है?
हर कोई जनता है कि औरत के जिस्म की बनावट मर्दों से अलग है, हमारे इस्लाम में औरत का सारा बदन पर्दा है, चेहरे के इलावा बेगैर ज़रूरत के किसी और चीज़ का खोलना औरत के लिए सही है, इस अल्लाह ताला ने औरत को नमाज़ के लिए
नमाज़ में भी ऐसा तरीका बताया जिस में उस के लिए जादा पर्दा हो, सीने पर हाथ बाँधने में
औरतके लिए जादा पर्दा है, इस लिए सीने पर हाथ बांधने का हुक्म दिया, इसी तरह बैठने में वह तरीका बताया जो उस के लिए मुनासिब था।
औरतों की नमाज़ का तरीका
जैसा की हम आप को बता चुके हैं कि औरतों की नमाज़ लगभग वैसे ही है जैसे मर्द की है, मर्द और औरत की नमाज़ में उपर बताई हुई चीजों के इलावा और कोई अन्तर नहीं है, तो जिन बहनों को नमाज़ की पूरी पर्किर्या जानना वह इस लेख पर नमाज़ पढ़ने का तरीका पर किलिक करें, उस लेख में सारी बातें बता दी गई हैं, कब कया पढ़ना है, कैसे पढ़ना है सब कुछ मालूम हो जाए गा।
नमाज़ पढ़ने का तरीका


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